तदोपरान्त पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा दि0 25. 9.08 को यह आदेश किया गया है कि दि0 26.5.08 के आदेश द्वारा उभय वादों का समेकन किया गया है किन्तु टंकण त्रुटि के कारण अग्रणी पत्रावली का निर्धारण छूट गया है अतः उक्त आदेश से मुख्य वाद मूलवाद सं0-1170/96 निर्धारित किया गया।